अद्भुत है अयोध्या

अयोध्या अद्भुत है। विष्णु लोक सदृश्य है। अयोध्या अजेय है। यह रहस्य और रोमांच से भरी है। यहां की माटी कुछ अलग है। सृजन इसकी आदत में है। देवी भी इसकी संज्ञा है। इसके दो रूप दिखते हैं। भौतिक और आध्यात्मिक। ऊपर से भूलोक। गहरे उतरे तो डूबते चले...

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श्री हरि के अवतारों की लीला भूमि अयोध्या – अहो अयोध्या

श्री हरि विष्णु ने रक्ष संस्कृति के विनाश के लिए अयोध्या में राजा दशरथ के यहां श्रीराम के रूप में अवतार लिया था। यह अवातर त्रेता युग में हुआ था लेकिन इसके पहले भी श्री हरि के अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा ८४ कोस में लेने से जुड़े होने के...

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महर्षि ने कराया दो राजवंशों का मिलन – अहो! अयोध्या

श्री राम और लक्ष्मण की जनकपुर यात्रा ने अयोध्या और मिथिला की संस्कृतियों को एकाकार करने में महती भूमिका निभाई। दोनों राज्यों के बीच पडऩे वाले क्षेत्र भय मुक्त हुए। सरोकारों की नई परिभाषा गढ़ी गई। महर्षि विश्वामित्र के साथ अयोध्या से जनकपुर की यात्रा में उन्होंने यूपी के...

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जहं जहं चरण पड़े रघुवर के

भारत के भूगोल की देह ऐसी है, जिस पर कदम दर कदम ऋषियों ने महनीय हस्ताक्षर किए हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जैसा जननायक अयोध्या से श्रीलंका के बीच जहां भी चले, ठहरे वहीं राम की अवरा शक्ति ने सशक्त हस्ताक्षर कर दिए। तत्समय की समय की शिलाओं पर उनके...

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