अयोध्या न्यास

अयोध्या एक छोटे से स्थान में सिमटा हुआ हिंदुओं का तीर्थस्थल ही नहीं, और भी बहुत कुछ है। यह एक विचार है, एक आदर्श है जिसने मर्यादा परुषोत्तम राम को आकार दिया। संस्कृति की शिला पर अयोध्या हर युग में स्वर्णिम हस्ताक्षर करती रही है। संस्कृति एवं सभ्यता का जिस बिन्दु से प्रारम्भ होता है, कमोबेश उतनी पुरानी है अयोध्या। आदि से लेकर आज तक चेतना के गौरीशकरों के प्रसव की उर्वर भमिू रही है अयोध्या। कला, साहित्य, संगीत, अध्यात्म और राजनीति, हर क्षेत्र में अपने युग में यह अयोध्या “नव-व्याकरण” की रचना करती रही है।

राम और अयोध्या भारत की आत्मा हैं। यदि किसी को भारत को समझना है तो उसे राम और अयोध्या को जानना ही होगा। अयोध्या, राम और भारत तीनों एक-दसरे में समाये हुए हैं। किसी एक को हटाकर शेष को समझने का प्रयास करना नासमझी है। आज जरूरत इस बात की है कि भारत को अयोध्या और राम के विस्तारित स्वरूप में जाना और समझा जाए। वास्तव में अयोध्या वह स्मृति पुंज है जिसकी रोशनी में हमारा देश स्मृति भ्रंस की त्रासदी से मुक्त हो सकता है।

श्री अयोध्या न्यास संस्था इसी दिशा में अयोध्या के गरिमा एवं भव्यता को पुनर्स्थापित करने हेतु एक छोटा सा प्रयास है। हमें नहीं भूलना चाहिए कि स्वर्णिम अतीत का विस्मरण वर्तमान को बाधित कर देता है, जिसके कारण सुनहरे भविष्य की स्वर्णिम रश्मियां धूमिल हो जाती हैं। अयोध्या पर्व के द्वारा भविष्य की उन्हीं स्वर्णिम रश्मियों को हम और तेजी के साथ फैलाना चाह रहे हैं। अवधपुरी और उससे एकाकार हुए भारत का सांस्कृतिक सौंदर्य लोगों की आखों में सजने लगे, तैरने लगे, लोगों के मानस को मथने लगे, यही अयोध्या पर्व का मूल उद्देश्य है।

राम मंदिर को लेकर पूरे देश में जो माहौल है, उसे देखते हुए अयोध्या आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसे ध्यान में रखकर केन्द्र सरकार और राज्य सरकार अयोध्या के चहुंमुखी विकास के लिए पूरा ध्यान दे रही है। इन प्रयासों में अयोध्या के साथ-साथ पूरे देश की जनता की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए श्री अयोध्या न्यास का गठन किया गया है।

अयोध्या के वर्तमान सांसद श्री लल्लू सिंह के नेतृत्व में यह न्यास अयोध्या पर्व के आयोजन से जहाँ अयोध्या के संरचनात्मक विकास की आधार भूमि तैयार कर रहा है, वहीं पूरे देश में रामराज्य के मूल्यों को पुनः स्थापित करने के लिए भी कृतसंकल्पित है। श्री अयोध्या न्यास में पूरे देश से लोगों को शामिल किया जा रहा है। प्रयास है कि अयोध्या पूरे देश के सामने विकास का एक आदर्श माडल प्रस्तुत करे।