अयोध्या पर्व 2020

  • आयोजन तिथिः 28-29 फरवरी से 1 मार्च 2020
  • आयोजन स्थलः  इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली
  • आयोजक संस्थाः  श्री अयोध्या न्यास

अयोध्या पर्व के प्रमुख आकर्षणः

अयोध्या पर्व 2020 इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र में 28 फरवरी से 1 मार्च तक धूम धाम से मनाया गया। इसमें सभी प्रकार के दर्शकों और श्रोताओं को ध्यान में रखते हुए मुख्यतः निम्न प्रकार के कार्यक्रमों की रचना की गई थी :

उद्घाटन समारोहः

मीडिया ग्राउंड स्थित मैदान में यह समारोह 28 फरवरी को सायं 3.30 बजे था । इसमें प्रमुख राजनेता, संत, समाजसेवी और विद्वान अयोध्या के संदर्भ में नीतिगत बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उनके  द्वारा दिए गए मार्गदर्शन से अयोध्या के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।

प्रदर्शनियाँ :

अयोध्या के बारे में देश-दुनिया की जानकारी बहुत ही कम है। इसे देखते हुए कई प्रकार की भव्य प्रदर्शनियां लगाई गई थी जिनसे लोगों की जानकारी बढ़े और उनके मन में अयोध्या को देखने-समझने की इच्छा प्रबल हो जाए। इस दृष्टि से मुख्यतः निम्न प्रदर्शनी लगाई थी।

  • बड़ी है अयोध्या- 84 कोसी परिक्रमा स्थल के भीतर और उसके आसपास पौराणिक महत्व के 100 से अधिक स्थानों को लोगों के सामने लाया गया जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।
  • रामराज्य – रामराज्य की संकल्पना में वह जादू है जिससे भारत का समाज आज भी अपने को जुड़ा हुआ मानता है। हमने एक ऐसी प्रदर्शनी तैयार की जिसने लोगों को बताया कि रामराज्य की संकल्पना को आज के संदर्भ में कैसे प्रासंगिक और व्यवहारिक बनाया जा सकता है।
  • भावी अयोध्या – अयोध्या में आने वाले समय में व्यापक विकास कार्य होने वाले हैं जिससे यह शहर दुनिया के प्रमुख पर्यटन एवं तीर्थ स्थलों में शामिल हो जाएगी। इस दृष्टि से लोगों को वहां उपलब्ध अवसरों से इस प्रदर्शनी ने अवगत कराया।
  • अयोध्या फोटो एग्जीबीशन – अयोध्या के विविध रंगों को अपने में समेटे हुए एक फोटो एग्जीबीशन लगाया गया, जिसमें कई फोटोग्राफर ने हिस्सा लिया।
  • चित्र प्रदर्शनी – इसमें देश के प्रमुख कला स्कूलों के छात्रों के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अपने बनाए चित्र प्रदर्शित किये। इस प्रदर्शनी की थीम थी – कर्तव्यमूर्ति राम।

सीता रसोईः

अवधी क्षेत्र में खान- पान की परंपरा को अयोध्या पर्व के दौरान सीता रसोई की थीम के साथ प्रस्तुत किया गया। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के माटीघर मैदान में अयोध्या के व्यंजनों के कई सुंदर स्टाल लगाए गए जिसमें अयोध्या से आए शेफ्स ने अपनी पाक कला का प्रदर्शन किये । सीता रसोई का आनंद दर्शकों के लिए तीनों दिन उपलब्ध था।

अयोध्या की देशी हाटः

अयोध्या के विभिन्न मंदिरों में जब भक्त दर्शन करने जाते हैं तो उन्हें वहां की गलियों में भांति-भांति के सामान मिलते हैं जिनमें से अधिकतर का उत्पादन स्थानीय कारीगरों द्वारा ही किया जाता है। अयोध्या पर्व के दौरान इन उत्पादों की विशेष रूप से स्टाल लगाई गई थी।

डाक्यूमेंट्री शोः

अयोध्या के धरोहर स्थलों और वहां के सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन पर केन्द्रित छोटी-छोटी डाक्यूमेंट्री फिल्में बनाई गई थी। इन फिल्मों को तीनों दिन माटीघर मैदान में एल.ई.डी. स्क्रीन के माध्यम से दिखाया गया। ये फिल्में ने दर्शकों को अयोध्या को असल में देखने का एहसास कराया।

कर्तव्यमूर्ति सम्मान समारोहः

भगवान राम का पूरा जीवन कर्तव्य की महत्ता को स्थापित करने में व्यतीत हुआ। समाज में फिर से कर्तव्य के महत्व को स्थापित करने हेतु आयोजन में ऐसी विभूितयों को कर्तव्यमूर्ति सम्मान दिया गया जो अपने कर्तव्य के निर्वहन से समाज में एक आदर्श प्रस्तुत कर रहे हैं।

विशेष लोकार्पण कार्यक्रमः

लोगों को अयोध्या की विरासत और वहां आने वाले समय की एक झलक दिखलाने के लिए विविध प्रकार के साहित्य का निर्माण करवाया गया  जिनका एक विशेष कार्यक्रम में लोकार्पण किया गया। इसमें मुख्यतः शामिल थे:

  • अयोध्या पर विहंगम दृष्टि डालती हुई पुस्तक ( अहो अयोध्या)
  • अयोध्या काफी टेबल बुक
  • अयोध्या की भावी संकल्पना पर एक स्मारिका
  • वेबसाइट और यूट्यूब चैनल सिससे अयोध्या को बेहतर तरीके से जानने में मदद मिली।

सासंकृतिक कार्यक्रमः

  • फरूवाही लोकनृत्य जिसमें कलाकारों ने मूलतः लाठी पर खड़े होकर अपनी कला का प्रदर्शन किया।
  • अवध की लोकगायिका प्रतिमा यादव का गायन हुआ ।
  • कथक नृत्यांगना अंजू सिन्हा की भगवान राम के जीवन पर नृत्य नाटिका।
  • अयोध्या में प्रचलित मार्गी संगीत जिसे प्रायः संत भगवान के विग्रह को सुनाते हैं।

साहित्य संवादः

पर्व के दौरान अयोध्या और राम के जीवन को केन्द्र में रखते हुए विविध प्रकार के साहित्यिक कार्यक्रम रखे गए  जिनमें से प्रमुख हैंः

  • राष्ट्रीय कवि गोष्ठी जिसमें देश भर के प्रमुख कविओं ने  भाग लिया।
  • अवधी कवि सम्मेलन जिसमें अवधी भाषा के कविओं ने अपनी कवितायें सुनाई ।
  • आधुनिक साहित्य में राम का निरूपण- साहित्यिक परिचर्चा।

विविध परिचर्चा, गोष्ठी एवं सभाएंः

अयोध्या पर्व के दौरान तीन दिनों में विविध विषयों पर परिचर्चा, गोष्ठी एवं सभाएं आयोजित की गयीं। इनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैंः

  • भावी अयोध्या की संकल्पना
  • योग वाशिष्ठ का महात्म्य
  • अवध और मिथिला के सांस्कृतिक संबंध
  • रामराज्य और गांधी

विविध परिचर्चा, गोष्ठी एवं सभाएंः

अयोध्या पर्व के दौरान तीन दिनों में बच्चों और युवाओं को जोड़ने के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम तैयार किये गए थे, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैंः

  • अंतर विश्वविद्यालयीन वाद-विवाद प्रतियोगिता – दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और जामिया विश्वविद्यालय सहित कई विश्वविद्यालयों की टीमों ने इसमें भाग लिया।
  • रामायण क्विज कंपटीशन – आगंतुक दर्शकों को इसमें भाग लेने का मौका मिला।
  • रामायण अंतराक्षरी – इसमें दिल्ली के स्कूलों के बच्चे भाग लिया।
  • रामायण सेल्फी प्वाइंट- जहां बच्चों ने रामायण के किरदारों के साथ सेल्फी लिया।
  • बाइट सेंटर – जहां आगंतुकों ने राम और अयोध्या को लेकर अपने भाव व्यक्त किये।

समापन समारोहः

तीन दिनों तक दिल्ली के केन्द्र में उत्सवी छटा बिखेरने के बाद दिनांक 1 मार्च, 2020 को सायं 4 बजे अयोध्या पर्व का समापन समारोह होगा। मीडिया सेंटर के मैदान में आयोजित होने वाले इस समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह आदरणीय दत्तात्रेय होसबोले जी उपस्थित रहेंगे। उनके साथ कई अन्य प्रमुख राजनेता, संत और सामाजिक कार्यकर्ता भी समापन समारोह में हिस्सा लेंगे।

आयोजक संस्थाः श्री अयोध्या न्यास

राम मंदिर को लेकर पूरे देश में जो माहौल है, उसे देखते हुए अयोध्या आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसे ध्यान में रखकर केन्द्र सरकार और राज्य सरकार अयोध्या के चहुंमुखी विकास के लिए पूरा ध्यान दे रही है। इन प्रयासों में अयोध्या के साथ-साथ पूरे देश की जनता की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए श्री अयोध्या न्यास का गठन किया गया है।
अयोध्या के वर्तमान सांसद श्री लल्लू सिंह के नेतृत्व में यह न्यास अयोध्या पर्व के आयोजन से जहां अयोध्या के संरचनात्मक विकास की आधार भूमि तैयार कर रहा है, वहीं पूरे देश में रामराज्य के मूल्यों को पुनः स्थापित करने के लिए भी कृतसंकल्पित है। श्री अयोध्या न्यास में पूरे देश से लोगों को शामिल किया जा रहा है। प्रयास है कि अयोध्या पूरे देश के सामने विकास का एक आदर्श माडल प्रस्तुत करे।

आयोजन स्थल के बारे मेंः

दिल्ली में राजपथ और जनपथ नामक मशहूर सड़कों को छूता हुआ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र का स्थान बहुत ही सुंदर सुरुचि पूर्ण है। लगभग 30 एकड़ के विस्तृत क्षेत्रफल में फैला हुआ यह केन्द्र राष्ट्रीय राजधानी की सभी महत्वपूर्ण इमारतों से कुछ कदमों की दूरी पर है। राष्ट्रीय मीडिया और जनमत निर्माण से जुड़े सभी प्रमुख संस्थानों के समीप स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र अयोध्या पर्व के संदेश को देश में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में पहुंचाने के लिए सर्वथा उपयुक्त है। तीन दिनों के दौरान इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र में मुख्यतः निम्न स्थानों पर विविध प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए गए।

जनपथ मैदान (100 मीटर x 60 मीटर लगभग), राजपथ मैदान (150 मीटर x 42 मीटर लगभग)

माटीघर मैदान (50 मीटर x 50 मीटर लगभग), मीडिया सेंटर मैदान (100 मीटर x 44 मीटर लगभग)

एम्फीथिएटरः सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए बने इस स्थान पर लगभग 150 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है।

गोष्ठी कक्षः सीवी मेस बिल्डिंग के पास स्थित इस कक्ष में लगभग 200 लोग हिस्सा ले सकते हैं।

सभागारः सीवी मेस बिल्डिंग के पास स्थित इस सभागार में लगभग 350 लोग भाग ले सकते हैं।

एक लाख से अधिक लोगों की सहभागिता

अयोध्या पर्व की रचना इस प्रकार की गई थी कि इसमें सभी को अपनी रुचि और स्वभाव के अनुसार कुछ न कुछ अवश्य मिले। कुछ-कुछ दिल्ली में होने वाले व्यापार मेले की तर्ज पर डिजाइन किए गए इस आयोजन में मुख्य रूप से दर्शक उत्सव का आनंद उठाने के लिए आते हैं। लेकिन एक बार आयोजन स्थल पर आकर वे गंभीर गोष्ठियों और परिचर्चाओं में भी भाग लेते हैं। दिल्ली में हुए जनवरी, 2019 में इसके पहले आयोजन को आशातीत सफलता मिली। इसे देखने और यहां हुई बातों को सुनने के लिए समाज के हर वर्ग से देश भर से लोग आए। 28 फरवरी, 2020 को अयोध्या पर्व का यह  दूसरा आयोजन भी सफलता पूर्वक संपन्न है। पहले आयोजन की अपेक्षा इसका पूरे देश में भरपूर प्रचार-प्रसार अधिक हुआ। इस बार 1 लाख से अधिक लोगों की अयोध्या पर्व में सहभागिता रही ।

नीचे अयोध्या पर्व 2020 कुछ चित्र है :