यह रामराज्य की आधारशिला है

लंबे संघर्ष के बाद रामलला का मंदिर बनने जा रहा। संघर्ष के कई योद्धा आज हमारे बीच नहीं हैं। वो भी हम सबकी आंखों से इस गौरवशाली क्षण को जहां भी होंगे देख रहे होंगे। वह गौरवशाली क्षण समय के साथ आगे निकल गया। हमने देखा राजसत्ता को धर्म...

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अद्भुत है अयोध्या

अयोध्या अद्भुत है। विष्णु लोक सदृश्य है। अयोध्या अजेय है। यह रहस्य और रोमांच से भरी है। यहां की माटी कुछ अलग है। सृजन इसकी आदत में है। देवी भी इसकी संज्ञा है। इसके दो रूप दिखते हैं। भौतिक और आध्यात्मिक। ऊपर से भूलोक। गहरे उतरे तो डूबते चले...

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संस्कृति की सतरंगी छटा में निखरती सद्भाव की अयोध्या

अयोध्या ऐसी भूमि है, जहां सभी धर्मों के बहुरंगी फूल खिलते हैं। हिंदू, जैन, बौद्ध, सिक्ख सबके सब इसके आंगन में पलते हैं, पुसते हैं, बड़े होते हैं। ऐसी पवित्र भूमि है, जिसने सबको रिझाया। जैन धर्म में कुल २४ तीर्थंकर हुए। इनमें से पांच तीर्थंकरों ऋषभदेव, अजितनाथ, अभिनंदन...

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अयोध्या की ऋषि परंपरा

अतीत की अयोध्या से शुरू हुई धर्म, संस्कृति और अध्यात्म की त्रिवेणी वर्तमान तक बह रही है। यह धारा कभी तेज तो कभी धीमी हो जाती है लेकिन बहने का सातत्य बना हुआ है। आधुनिक समय की अयोध्या भी इसको समेटे हुए है। यह अलग बात है कि भौतिकता...

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श्री हरि के अवतारों की लीला भूमि अयोध्या – अहो अयोध्या

श्री हरि विष्णु ने रक्ष संस्कृति के विनाश के लिए अयोध्या में राजा दशरथ के यहां श्रीराम के रूप में अवतार लिया था। यह अवातर त्रेता युग में हुआ था लेकिन इसके पहले भी श्री हरि के अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा ८४ कोस में लेने से जुड़े होने के...

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अयोध्या आंदोलन के योद्धा लल्लू सिंह

रामलला का मंदिर बनने जा रहा। यह एक दिन में नही हुआ। अयोध्या में कदम दर कदम अयोध्या आंदोलन के संघर्ष के साथियों की गवाहियां दर्ज है। दर्ज है उन योद्धाओं की कहानी जो अपने स्वाभिमान के लिए संघर्ष किया। दर्ज है आततायी सरकारों से जूझते रामभक्तों की कहानी।...

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राममंदिर के शिलान्यास से सही-सही सीखें

तुलसी ने “बयरु न कर काहू सन कोई, राम प्रताप बिषमता खोई” भी कहा था,और “नृपहिं दोष नहीं दिन्हिं सयाने” (ज्ञानी लोग राजा में दोष नहीं देखते ) भी। चुनाव आप का है। पांच सौ साल पुराने विवाद और डेढ़ सदी पुरानी कानूनी लड़ाई के बाद आराध्य देव भगवान...

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अयोध्या आंदोलन के वामदेव

स्वामी वामदेव एक भोले-भाले विनम्र संत थे। छोटे कद वाले वामदेव के भीतर संतई के सारे गुण थे। उन्होंने अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने इन्हें विश्व हिंदू परिषद से अलग करने की पुरजोर कोशिश की, लेकिन उसकी...

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अयोध्या आंदोलन के ध्वजवाहक स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती

स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती वही शंकराचार्य थे, जिनकी अध्यक्षता में पांचवीं धर्मसंसद की विशेष बैठक हुई, जहां कारसेवा की तारीख 6 दिसंबर तय हुई। स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती 1989 में ज्योतिषपीठ बद्रीकाश्रम के शंकराचार्य बने। स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जोर-शोर से इस मत के हिमायती थे कि रामलला ही उस स्थान के...

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अयोध्या आंदोलन के स्तंभ स्वामी परमानंद

स्मरण होगा कि मई 1992 में संतों ने उज्जैन की बैठक में कारसेवा की तारीख पक्की कर दी तो राजनीतिक नेतृत्व सख्ते में आ गया था। सवयं प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने संतों के प्रतिनिधिमंडल से भेंट करने की इच्छा जाहिर की थी। जब वह भेंट हुई तो उसमें स्वामी...

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